Lucknow Cantt Board
लखनऊ छावनी परिषद

LUCKNOW CANTONMENT BOARD

रक्षा मंत्रालय
swachh bharat

प्रशासक/समन्वयक

1924 में छावनी में स्थानीय स्वशासन लागू करने के लिए छावनी अधिनियम बनाया गया था, जिसमें पर्याप्त नागरिक जनसंख्या एवं यह अधिनियम छावनियों के लिए पहला माॅडल म्युनिसिपल एक्ट था, लेकिन इसके क्रियान्वयन में, नागरिकता की स्थिति के कारण विकेंद्रीकरण और लोकतांत्रिक मानदंडों से काफी हद तक समझौता किया गया था, जिन्होनें केवल सरकार के लाइसेंसधारी के रूप में संपत्ति पर कब्जा कर लिया था। हाल ही में वर्ष 2006 में, छावनी अधिनियम, 1924 को छावनी अधिनियम, 2006 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था ताकि विकास की गतिविधियों और रक्षा भूमि और लेखा परीक्षा के प्रबंधन के लिए प्रावधान करने के लिए अधिक विकेंद्रीकरण शुरू करने और छावनी बोर्डों के वित्तीय आधार में सुधार करने के उदेश्य से किया जा सके। छावनी अधिनियम 2006 के तहत, छावनियों को जनसंख्या मानदंड के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। लखनऊ छावनी प्रथम श्रेणी (50,000 से ऊपर की आबादी) के अंतर्गत आती है। छावनी बोर्ड वैधानिक निकाय हैं- एक निकाय काॅर्पोरेट जिसका उत्तराधिकारी है और संपत्ति के अधिग्रहण और धारण करने की शक्ति के साथ एक आम मुहर है। उनके अन्य कार्य, कमोबेश, नगरपालिका निकायों के समान हैं।

छावनी परिषद लखनऊ से संबंधित नियम एवं अधिनियम

छावनी बोर्ड अधिनियम 1924
छावनी लेखा संहिता 1924
छावनी भूमि प्रशासन नियम 1937
छावनी निधि सेवक नियम 1937
छावनी संपत्ति नियम 1925
छावनी निर्वाचन नियम 1945
सार्वजनिक परिसर अधिनियम (अनधिकृत व्यवसाय) 1971
छावनी अधिनियम 2006
छावनी निर्वाचन नियम 2007
छावनी विधेयक 2003
कार्यकारी आदेश छावनी अधिनियम 2006 से अपील
छावनी (मध्यस्थता समितियों की प्रक्रिया का विनियमन) नियम 1985
छावनी प्रशासन नियम 1986 पर वार्षिक रिपोर्ट का छावनी रूप
छावनी (फार्म और नोटिस की सेवा का नियम) नियम 1986
छावनी खाता नियम 2020

जन्म और मृत्यु पंजीकरण

जन्म और मृत्यु अधिनियम 1969 के पंजीकरण की धारा 8ए 9 और 21 के अनुसार, यह अनिवार्य है कि भारत में कहीं भी होने वाले हर जन्म और मृत्यु को इस काननू क दायरे में संबंधित राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त रजिस्ट्रारों के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
उपर्युक्त निर्देशों का पालन करने में विफलता जन्म और मृत्यु 1969 के पंजीकरण की धारा 23 के अनुसार दंडित होने के लिए उत्तरदायी है।
छावनी के भीतर होने वाले सभी जन्मों और मृत्यु के लिए, पंजीकरण मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा किया जाएगा, जो पंजीकरण अधिनियम 1969 के उदेश्य के लिए पदेन पंजीयक है।

रजिस्ट्रार को सूचना देने के लिए कौन जिम्मेदार है

यद्यपि छावनी में कहीं भी जन्म एवं मृत्यु के बारे में जानकारी रजिस्ट्रार को दी जा सकती है, लेकिन सूचना देने की जिम्मेदारी निम्नलिखित लोग दे सकते हैं।

आवासीय या गैर-आवासीय घर - घर या हाउस -भवन स्वामित्व

चिकित्सालय/स्वास्थ्या केंद्र/नर्सिंग होम आदि - चिकित्सा अधिकारी प्रभारी

जेल -जेलर-इन-चार्ज।

छात्रावास/धर्मशाला आदि-व्यक्ति प्रभारी।

गाँव- गाँव का मुखिया।

सिलाई - स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी।

प्रमाण पत्र जारी करना

छावनी बोर्ड के पास पंजीकृत जन्म और मृत्यु के संबंध में प्रमाण पत्र मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा दिए गए शुल्क के भुगतान के अनुरोध पर जारी किए जाते हैं।

प्रतिलिपिकरण शुल्क

रू0 100 / - तत्काल

रू0 50 / - साधारण

शून्य - 21 दिनों के भीतर

नामांकन फीस

रू0 300 / - तत्काल

रू0 200 / - साधारण

गलत प्रविष्टियों के लिए सुधार

कोई भी व्यक्ति जो जन्म एवं मृत्यु रजिस्टर में उल्लिखित प्रविष्टियों को सही करने के लिए इच्छुक है, जो उसकी राय में, गलत हैं दो विश्वसनीय व्यक्तियों को करेगा। चाहिए, मामले के तथ्यों का संज्ञान लेने पर उसके द्वारा हस्ताक्षरित घोषणा, त्रुटि की प्रकृति को निर्धारित होगा। रजिस्ट्रार से पहले मामले के तथ्यों पर विचार करने के बाद आवश्यक आदेश पारित करेगा।

विलम्बित पंजीकरण के लिए प्रक्रिया

किसी भी जन्म, मृत्यु, अभी भी जन्म के बारे में जानकारी घटना की तारीख से 21 दिनों के भीतर छावनी के कार्यकारी अधिकारी को दी जानी है। हालांकि देर से पंजीकरण नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करके भी किया जा सकता है: -

21 दिनों के बाद देर दी गई सूचना के फलस्वरूप विलम्ब शुल्क चार्ज किया जाएगा।

नियत दिनों के उपरान्त परन्तु घटना की तारीख से एक वर्ष पूरा होने से पहले सूचना दी जाती है। एसीएम-I  की लिखित अनुमति के साथ और रु 25/- शुल्क के भुगतान आपेक्षित होगा।

इसकी घटना की तारीख से एक वर्ष की अवधि के बाद दी गई जानकारी पंजीकरण एसीएम-I द्वारा पारित आदेश के बाद और रू 25/- विलम्बित शुल्क के भुगतान पर ही किया जाएगा।

प्रत्येक वर्ष की जांच शुल्क रू 2/- निधार्रित है।

नागरिकों की जिम्मेदारियां

परिवार में प्रत्येक जन्म और मृत्यु को पंजीकृत होना चाहिए।

बच्चे के जन्म का पंजीकरण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए और बाद में उसका नाम भी पंजीकृत होना चाहिए।

अभी भी जन्म और दत्तक बच्चों के लिए पंजीकरण आवश्यक है।

त्रुटिपूर्ण प्रविष्टियों को जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए।

रजिस्ट्रार को कोई गलत जानकारी न दें।

पंजीकरण फाॅर्म में कोई भी काॅलम खाली न रखें।